अम्मा के किस्से सच्चे थे,
अम्मा थी तो हम अच्छे थे,
अम्मा थी तो हम सच्चे थे,
अम्मा थी तो हम बच्चे थे।।
अम्मा आँचल की हुंडी थी,
अम्मा तालों की कुंजी थी,
अम्मा थी तो बेफिक्री थी,
अम्मा थी तो मनमर्ज़ी थी।।
अम्मा में पाँच नमाज़े थी,
अम्मा में पूजन अर्चन था,
अम्मा मुस्लिम थी, सूफी थी,
अम्मा में हिन्दू दर्शन था।।
अम्मा बचपन की लोरी थी,
अम्मा ममता की डोरी थी,
अम्मा भीतर से कोरी थी,
अम्मा ही ईद थी, होरी थी।।
अम्मा सारा संसार ही थी।
अम्मा सारा संसार भी थी।।