Tuesday, October 16, 2018

ए खुदा..शुक्रिया

आप किसी की राज होंगी,
या किसी की हमराज |
आप एक राह होंगी,
या एक हमराह |

आप आफताब का प्रताप हैं,
या किसी गुल की खुशबू | ( आफताब - sun, गुल- flower)
पर आप जो भी हैं,
आबशार के समान हैं | ( आबशार- waterfall)

खुदा करे ,
आपके चेहरे का ओज ज़िस बाम के तले जाए, ( बाम - rooftop)
उसके रौज़ाँन तक आपकी अंजुमन को सलाम करें | (रौज़ाँन - window, अंजुमन - association)

खुदा करे,
आप अपने अंसियत के लिये तदबीर हों | (अंसियत- love, तदबीर - solution)

खुदा करे,
आपकी मासूमियत आपको एहतिराम दे | (एहतिराम- respect)

बस एक बात कहना चाहता हूँ,
अपने चेहरे की हॅसी आप यूही बरकरार रखना,
कोई अगर आपके दिल को ठेस पहुचाए, तो उसे माफ कर देना,
सोचना, कि वो एक बुरा ख्वाब था, महज एक छोटा सा बुरा ख्वाब ||

ना मैं आपके रीफाकत में हूँ, और ना ही आप मेरे तशब्बुर में, ( रिफाकत- with you, तशब्बुर - imagination)
आप मेरे लिये सर्द की सुबह की शबनम हो, (शबनम - fog)
जो खुर्शीद की किरणों के बाद खो जाती है || (खुर्शीद - sun)

ना आप मेरे लिये मानूस हो,
और ना ही कुर्बत की इम्कान है, ( मानूस - familiar, कुर्बत - closeness, इम्कान- possibility)
पर फिर भी पता नहीं क्यूँ लगता है,
ना हममें कोई इख्तिलाफ है, ना ही कोई फिराक || ( इख्तिलाफ - difference, फिराक - parting)

आप तो मेरे लिये एक शुकूँ देने वाली वर्क हो, ( वर्क - light)
अरे आप तो मेरे लिये पूरा फलक हो | (फलक - sky)
आप तो मेरे लिये पूनम के चाँद की चांदनी हो,
आप तो दिल की एक प्यारी सी पुकार हो ||

ऐसा बिल्कुल भी नहीं कि मुझे आपसे मुहब्बत है,
पर आप मेरे लिये एक सम्त हो, (सम्त - direction)
आप मेरी फारियाद हो,
आप मेरी तवक्को हो, (तवक्को - hope)
आप मेरी मशिय्यत हो | (मशिय्यत - wish )

बस एक आखिरी बात कहनी थी,
अपनी इन बेहद खूबसूरत आँखो की चमक ज़र्द ना करना, (ज़र्द - pale)
कोई आपको अजिय्यत दे, तो उसकी इमदाद कर देना, (अजिय्यत - sorrow,इमदाद - help)
सोच लेना राह चलते किसी अंधे को सड़क पार करवा दी है |

खैर, एक बात तो अटल होगी,
आप ज़िसकी भी राज होंगी, ज़िसकी भी हमराज होंगी,
वो तहेदिल से अपनी हर दुआ में खुदा का शुक्र करेगा और कहेगा,
"ए खुदा तूने सच में बडी फुरसत से इसे बनाया होगा,
इस बाद-ए-शबा को मुझे देने का शुक्रिया |" (बाद-ए-शबा - morning breeze)

Tuesday, October 9, 2018

ओ रे पिया


ओ रे पिया

[1]


सर-सैय्या पर लेटा हूँ, आस-पास रुदन है
पर मेरे उर में शांति है |
 
अजीब है, मृत्यु का साम्राज्य भी
कोई जाना नहीं चाहता, पर
जाना तो सबको पड़ता है |
मैं भी उसी में था,
जो गया इस संसार में, कई अपनों को छोड़कर
अपना घर, अपने दोस्त, अपने ख्वाब
और अपना प्रेम

हाँ, प्रेम भी छोड़ आया हूँ मैं
उसे बोझ तले नहीं मारना मुझे
मुझे यादों में जीने का शौक नहीं है
मैं उसे बस यूँ ही
दुनिया जीने के छोड़ आया हूँ

आज उसके आंसू दिख रहे है मुझे
जी कर रहा है, जाके
अपने होठों से उसे सुखा दूँ
पर नहीं, आंसू नहीं आएगा तो यादें नहीं जाएंगी |

मुझको पता है कि
भीड़ के इस रुदन में भी वो मुझे सुन रही है
तो पिया,
मैं तुम्हे बताना चाहता हूँ कि
मैं तुमसे बेइंतेहा मुहब्बत करता हूँ
तुम्हारी वो मुस्कुराहट, आज भी मुझे याद है
तुम्हारा वो बनावटी चेहरा
तुम्हारी वो गोल-मटोल आँखें
तुम्हारे वो खूबसूरत बाल
आज भी मुझे याद है
पिया, याद है
जब मैं तुम्हारे फ़ोन पर यूं ही सन्देश भेजा करता था
पता है, डर लगता था मुझे
कि कही तुम मुझे ब्लॉक ना कर दो
और जान-बूझकर
तुम्हारी जूठी कोल्ड-ड्रिंक छीनकर पी जाना
उस वक़्त मुझे तुम्हारे गुस्से का अंदाजा था
पर ये भी पता था कि इतने लोगों के सामने तुम कुछ कहोगी नहीं |

अच्छा, माफ़ कर देना
मेरी उन सारी बेवकूफियों को
जिन्हे मैं जानकर की थी |

वैसे, मैं चालाक बड़ा हूँ
मुझे पता है कि आज तो तुम मेरी हर गलतियों को माफ़ कर दोगी |
पर रे पिया
तुम्हे भी पता है कि मैं तुमसे
कितनी मुहब्बत करता हूँ

तो आज से सलाम तुमको
ये दुनिया तुमको मुबारक
खुश रहना, मौजू रहना और
बस हर साल आज के दिन
मेरे नाम पे एक कविता लिख लेना
और
एक बात और पिया
कभी मुझे याद करके रोना मत
क्योंकि
आज से ज्यादा सुकून मुझे कभी नहीं मिला
अच्छा चलो, जल्दी तो नहीं पर
इंतज़ार है तुम्हारा भी, इस दुनिया में
मैं खड़ा हूँ लिए फूल का गुलदस्ता |

और रे पिया
एक कविता भी
सिर्फ तुम्हारे लिए
रे पिया |
रे पिया |